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________________ .0018965486 नहीं होता जो कपड़े बदलकर साधु हो जाए।' शिष्य ने फिर पूछा, 'प्रभु, तो फिर संत कौन होता है ?' संत ने कहा, 'लियो संत वह भी नहीं होता जो अंधों को आँखें और बहरों को आवाज दे दें।' शिष्य चकराया कि अगर वह भी संत नहीं है तो फिर संत कौन है? उसने अपना प्रश्न पुनः दोहराया। फ्रांसिस ने कहा, 'संत वह भी नहीं है जो गरीब को अमीर बना दे।' लियो चकराया कि मेरा प्रश्न तो यह है कि संत कौन होता है और मेरे गुरु बार-बार यह बता रहे हैं कि संत कौन नहीं होता। वह झुंझला गया और कहा, 'गुरुवर, आप साफ-साफ बता दें कि आखिर संत कौन होता है?' ___ गुरु ने कहा, 'सुनो, हम लोग जब तक नगर में , पहुंचेंगे, मध्य रात्रि हो जाएगी। बारिश हो रही है हाथ-पांव-कपड़े सब गीले होकर मिट्टी से सन . गए हैं ऐसे में रात्रि के एक-डेढ़ बजे तक नगर में पहुँच पाएँगे। वहाँ पहुँचकर किसी धर्मशाला के द्वार पर जाकर उसे खटखटाएँगे। तब भीतर से चौकीदार पूछेगा, ‘बाहर कौन है?' हम कहेंगे, 'दो संत हैं। सराय में रहना चाहते हैं।' तब वह गुस्से में कहेगा, 'भगो-भगो, पता नहीं कहाँ से संत आ जाते हैं ? पैसा तो देंगे नहीं, रात की नींद खराब करेंगे, चलो भगो।' तब पन्द्रह मिनट बाद हम लोग फिर से दरवाजा खटखटाएँगे कहेंगे, ‘भैया दरवाजा खोलो।' भीतर सोया हुआ चौकीदार पूछेगा, ‘बाहर कौन?' तब हम फिर कहेंगे 'वही दो संत।' चौकीदार कहेगा 'अरे, क्या तुम अभी तक बैठे हो ? भगो यहाँ से, नहीं तो डंडा मार कर भगाऊंगा। मैं तुम लोगों के लिए दरवाजा नहीं खोलूँगा। मुफ्तखोरों! एक कौड़ी देकर नहीं जाओगे। रात की नींद बिगाड़ रहे हो, भगो यहाँ से।' ___'लियो, पन्द्रह मिनिट बाद हम फिर दरवाजा खटखटाएँगे। फिर वह पूछेगा, ‘बाहर कौन?' तब भी अपना जवाब होगा, 'वे ही दो संत। और तब वह चौकीदार हाथ में डंडा लेकर बाहर आएगा और दरवाजा खोलते ही हम लोगों की पीठ पर आठ-दस डंडे मारेगा।' लियो, जब वह हमें 24 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003873
Book TitleKya Swad Hai Zindagi ka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2011
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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