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________________ जाए तो उसे प्रोत्साहन न दें। आप पति को बताएं कि आप ऐसे धन को घर में रखना पसंद नहीं करते जो गलत तरीके से कमाया गया है। पति के गलत तरीके से कमाए हुए धन से आप महंगी सोने की चूड़ी खरीद कर पहन लेंगे, पर याद रखें आपके पति के हाथों में आने वाली हथकड़ियों को आप नहीं रोक पाएंगे। गलतियों को दफ़न करें कब्र में अपने घर को खुशहाल बनाना है तो परिवार का हर सदस्य अपने साथ एक कब्रिस्तान रखें और दूसरों की गलतियों को उसमें दफन कर दे। अगर आपकी भूलने । की आदत है, तो औरों की भूलों को भूलने की कोशिश करें। आप हमेशा सरल रहें, दूसरों के साथ सदा नम्र बने रहें और दूसरों को अहसास कराते रहें कि तुम्हारी यह नम्रता तुम्हारा बड़प्पन है, न कि तुम्हारी कमजोरी। जिस दिन लगे कि तुम्हारा हाथ जोड़ना दूसरे को तुम्हारी कमजोरी लग रहा है तो उसे अहसास करा दें कि तुम्हें हाथ उठाना भी आता है। ____ मैं संकेत कर रहा था कि पति को कभी गलत ढंग से धन कमाने को प्रोत्साहित न करें। मैंने सुना है एक व्यक्ति नदी के पुल से कहीं जा रहा था। वह किसी फैक्ट्री का कर्मचारी था, यात्रा पर निकला था। थोड़ी देर आराम करने के लिए रुका और कुर्सी पर बैठा। आराम कर ही रहा था कि यकायक, उसके पास जो ब्रीफकेस था वह पानी में गिर पड़ा। ब्रीफकेस तो अधिक कीमती न था, पर उसके अंदर जरूरी कागजात थे। बेचारा रोने लगा, गुहार लगाने लगा कि कोई पानी में से ब्रीफकेस निकाल दे। उसके रोने की आवाज सुनकर जल देवता वहाँ प्रकट हो गए। जल देवता ने पूछा, 'क्या हुआ भाई?' उसने कहा, 'मेरी ब्रीफकेस पानी में गिर गई है, आप उसे निकाल दें।' जल देवता पानी में गये और सुंदर-सी चमड़े की ब्रीफकेस निकालकर ले आए और पूछा क्या यही तुम्हारा ब्रीफकेस है ?' 'नहीं, यह मेरी ब्रीफकेस नहीं है, वह ईमानदार था। जल देवता फिर पानी में गए और इस बार एक संदर और मजबत ब्रीफकेस लेकर आए जिसमें रुपये भी भरे थे। ब्रीफकेस खोलकर दिखाते हुए पूछा - क्या यह उसकी ब्रीफकेस है? उसने कहा- 'नहीं-नहीं यह भी मेरी ब्रीफकेस नहीं है, मेरी ब्रीफकेस तो रेग्जीन की है, जिसके भीतर रुपये नहीं, मेरे कागज 150 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003873
Book TitleKya Swad Hai Zindagi ka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2011
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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