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________________ दिखानी शुरू कर दीं, पत्नी बेचारी सहमकर एक किनारे बैठ गई। तब मैं सोचने लगा आखिर आदमी ऐसा क्यों करता है? तुम्हें अपनी बात कहने का हक है तो क्या पत्नी को यह हक नहीं है। उसके अधिकारों का क्या हम यूं ही हनन करते रहेंगे? घर-परिवार में अगर आपकी वाइफ है तो उसे सही सलामत रखें । यही आपकी लाइफ है । याद रखें, वाइफ को दु:खी रखकर आप अपनी लाइफ को सुखी नहीं बना सकते। अगर आप पत्नी से अनुशासन चाहते हैं तो आप भी अनुशासन में रहें। उसकी गलती होने पर अगर उससे सॉरी की अपेक्षा रखते है तो अपनी गलती होने पर आप भी सॉरी कहें। सॉरी कहिए-समझौता कीजिए, तनाव से बचिये और मस्त रहिए। घर में छोटी-से-छोटी बात पर सॉरी कहने की हिम्मत रखिए और घर को सुखमय बनाइये। छोटी-छोटी बात को लेकर आप इतने तनाव में आ जाते हैं कि दिन-रात घर में न होते हुए भी घर को नरक बना देते हैं। कम न होने दें पति का गौरव जितना फर्ज़ पति का है घर का सुखद वातावरण बनाने का, उतना ही उत्तरदायित्व पत्नी का भी है। अपने पति को हर समय हाँकने की कोशिश मत कीजिए। अगर हर वक्त उसे हाँक रहे हैं तो एक दिन उग्र बनकर वह आपको ही मारने का प्रयास करेगा। ज़िंदगी में पति के मान-सम्मान और गौरव को बनाकर रखने की कोशिश कीजिए। पति के दोष निकालने वाली महिलाओं से कहूंगा वे पति की तारीफ करने की आदत डालें। चार लोगों के बीच आपके पति को भद्र, सज्जन बताया जा रहा है तो विपरीत टिप्पणी करके उसे दुर्जन घोषित मत कीजिए। पति के साथ लचीला व्यवहार रखें। दोष किसमें नहीं होता। उसमें दोष न होता तो तुमसे शादी ही क्यों करता, संत ही न बन जाता। कमियाँ दोनों में हैं और अगर आप दोनों एकदूसरे के साथ समझौता कर लेंगे, तो परिवार खुशहाल बन सकेगा। एक बात और, अपने पति को कभी गलत कार्य करने के लिए प्रोत्साहित न करें। पति को सुधारने में अगर पत्नी का हाथ है तो उसे बिगाड़ने में भी उतना ही हाथ पत्नी का होता है। अगर गलत काम करके पति द्वारा धन घर में लाया 149 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003873
Book TitleKya Swad Hai Zindagi ka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2011
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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