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________________ सकारात्मकता का अमृत आप अपने आप को देखें कि आप किस सोच के धनी हैं? कहीं आपके भीतर नकारात्मक सोच तो नहीं पल रही है? नकारात्मकता हमारे जीवन का ज़हर और सकारात्मकता हमारे जीवन का अमृत है। अगर आप किसी फैक्ट्री के मालिक हैं या किसी दुकान के मालिक हैं, किसी संस्था के अध्यक्ष हैं, किसी समाज का संचालन कर रहे हैं, घर और परिवार के मुखिया हैं तो उसके सही संचालन की पहली अनिवार्यता है कि आपकी सोच सकारात्मक हो, विधायक हो। अगर आपकी सोच सकारात्मक है तो आप सही नज़रिये से निर्णय करेंगे। सास और बहू घर में दो महिलाएँ हैं और तो और अगर किसी आश्रम में भी दो लोग हैं। अगर ये वहाँ परस्पर दिन भर नकारात्मक रवैया अपना रहे हैं तो मान लीजिए ये दोनों दिन भर अशांत हैं और अगर दोनों सकारात्मक रवैया लेकर चल रहे हैं तो दोनों ही शांत हैं। सभी के जीवन में विपरीतताएं आती हैं। नकारात्मक दृष्टिकोण वाला व्यक्ति विपरीतता को देखकर परेशान हो जाता है कि अब वह जीवन में कुछ नहीं कर सकता, जबकि सकारात्मक दृष्टिकोण वाला विपदा के आने पर यह सोचता है कि एक दरवाजा बंद हो गया है तो दूसरे दरवाज़े की तलाश करो, दूसरा बंद हो गया है तो तीसरे की तलाश करो, तीसरा बंद हो गया है तो चौथे की तलाश करो। वह जानता है कि प्रकृति की व्यवस्था है कि निन्यानवें द्वार बंद हो जाएँ तब भी एक द्वार खुला ज़रूर रहता है । जीवन में बंद द्वारों को देखने और बंद देखकर रोने की बजाय अच्छा होगा कि आप खुले द्वार की तलाश करें। सकारात्मक दृष्टिकोण वाला व्यक्ति अपने भाग्य की रेखाओं को बदलने में समर्थ होता है और नकारात्मक दृष्टिकोण वाला व्यक्ति अपनी सुधरी हुई रेखाओं को भी बिगाड़ देता है। संशय से सर्वनाश मनुष्य की सोच के तीन दोष होते हैं - आशंका, आग्रह की भावना और 107 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003873
Book TitleKya Swad Hai Zindagi ka
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2011
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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