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वेदनानुपश्यना ठोस अनुभूति के लिए है कि हम धैर्य और शांतिपूर्वक काया में होने वाली सुखद वेदना या दुःखद वेदनाओं को भलीभाँति समझें और संप्रज्ञान करें। किसी ने पूछा है कि कमर और घुटनों में होने वाली संवेदनाओं का अहसास तो होता है, बाकी का नहीं होता। याद रहे शरीर में कई प्रकार की वेदनाएँ उठती हैं- तनाव, खिंचाव, दबाव, दर्द आदि कई तरह की दुःखद वेदनाओं का उदय होता है । इसी तरह कभी हमारे भीतर सुखद संवेदनाओं का भी उदय होता है, तब लगता है- आज तन में बहुत स्वस्थता है, ताज़गी है, आज तो कितने भी काम करने हों, तैयार हैं। जब हमारे मन में अनुकूल परिस्थितियाँ होती हैं हम रागमूलक प्रतिक्रिया करते हैं और तनाव, चिंता, क्रोध आदि के समय द्वेषमूलक प्रतिक्रिया होती है। अभी तक हमने चित्त को काया की अनुपश्यना करने के लिए पूर्ण सचेतन नहीं किया, इसलिए हमें पता नहीं चल पाता। अगर कायानुपश्यना को साधने का पूर्ण मनोयोग से प्रयत्न करते हैं तो मात्र तीन दिन में ही प्रत्येक वेदना का अहसास और अनुभव होने लगता है । चार-पाँच दिन में तो सुखद - दुःखद अहसास ( feelings) स्पष्ट रूप से हमारी अनुभूति में आने लगते हैं। बेहतर होगा, हम मौन रखें और अधिक से अधिक कायानुपश्यना-वेदनानुपश्यना करें - अनुभूति के धरातल पर उतरें ।
या को हम अनुभूति के आधार पर ही समझ सकते हैं । काया में भोग की प्रवृत्ति पैदा हुई, किसके आधार पर जाना ? अनुभूति के द्वारा ही जाना जाता है । विकारमूलक वेदना उठी कि निर्विकार वेदना उठी । वेदना है तो अहसास भी होगा और वेदना नहीं है तो अहसास भी नहीं होगा। हो सकता है शुरू में किसी वेदना की ठोस अनुभूति न हो, तो यह न समझना कि हमारे भीतर किसी तरह की कोई वेदना नहीं है या हम निर्वेद हो गए, निर्विकल्प हो गए। अभी तो हम पकड़ ही नहीं पाए हैं। लेकिन जब हम सुखद और दुःखद वेदनाओं की अनुभूति करने लग जाते हैं तो दोनों के प्रति अपना दृष्टा - भाव और साक्षीभाव साधने लगते हैं । दृष्टा - भाव बहुत महत्त्वपूर्ण है । साधक को अपनी साधना में जिस एक चीज़ को साधना है वह है- दृष्टा भाव । क्यों ? क्योंकि हमारे भीतर रागद्वेष की प्रतिक्रिया चलती रहती है हर समय । जैसे- बहुत गर्मी हो और आप साधना कर रहे हों तो किसी साधक-साधिका के मन में आता है - काश, कूलर होता । यह क्या है ? यह राग-द्वेष मूलक प्रतिक्रिया है भीतर की । हमारा मन, चित्त सक्रिय हुआ, वह हमें प्रेरणा दे रहा है कि कूलर की ठंडी हवाओं की
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