________________
लेगा। जैसे आप मुझसे मिलकर अपने घर गए। खिड़की से आपने देखा कि आपकी पत्नी और उसका भाई बातचीत कर रहे हैं। आपने सुना कि आपकी पत्नी आपके बारे में ही कई तरह की उल्टी-सीधी बातें कर रही हैं। जैसे मेरे पति हाथखर्ची नहीं देते, मेरा ध्यान नहीं रखते, मेरे लिए उल्टी सीधी बातें करते हैं और भी पता नहीं बेसिरपैर की कितनी ही बातें वह कर रही है। स्वाभाविक है कि उस समय आपको गुस्सा आएगा और आप अपने साले को सारी सच्ची बात बताना चाहेंगे। यदि थोड़ा-सा आप सावधान रहें तो आप क्रोध की भट्टी में गिरने से बच सकते हैं। अगर आप यह सोचें कि यदि मैं आधा घंटा विलम्ब से आता तो उनकी बातों को कौन सुनता और कौन जवाब देता? प्रयोग करें टेलिग्राम की भाषा
क्रोध-मुक्ति के कई उपाय हैं और जिस समय जो उपाय याद बन पड़े, तत्काल उसे अपना लेना चाहिए क्योंकि इसमें किया गया विलम्ब काफी हानिकारक हो सकता है। क्रोध-मुक्ति के उपायों में एक और अच्छा सा उपाय यह है कि टेलिग्राम की भाषा में अपनी बात को व्यक्त करो। अगर आपको लगे कि वातावरण क्रोध का बन गया है और आपके बिना बोले मामला उलझ सकता है अथवा आपको बड़ा तेज गुस्सा आया हुआ है और आप उसे व्यक्त करना ही चाहते हैं तो टेलिग्राम की भाषा में अर्थात् सीमित शब्दों में उसे व्यक्त करें। जैसे टेलिग्राम देते समय एक-एक शब्द को तोलकर लिखा जाता है वैसे ही क्रोध के वातावरण में कम शब्दों में बात कहकर चुप हो जाएं। इससे वातावरण कलुषित होने से बचेगा। अगर आप क्रोध के समय अपने विवेक को खोकर लगातार कुछ न कुछ बोले जा रहे हैं, तो हो सकता है कि ऐसे अवसर पर आप वह बात भी कह दें जो आपके भविष्य के लिए गलत परिणाम दे सकती है। याद करें परिणाम
क्रोध-मुक्ति के लिए अगला उपाय है ‘परिणाम को याद करो' क्योंकि पहले भी जब कलुषित वातावरण बना था तो आप चीखे चिल्लाये थे और बात बहुत ज्यादा बिगड़ गई थी। और तो और, आप जिस पत्नी से आजीवन प्रेम निभाने की सोच रहे थे उससे आप तलाक लेने की सोचने
68 For Personal & Private Use Only
Jain Education International
www.jainelibrary.org