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________________ इसीलिए गीता ने कहा कि क्रोध से स्मृतिभ्रम होता है और उससे बुद्धि का नाश होता है। क्रोध करना बुरा है, शायद क्रोध करने वाला हर व्यक्ति भी यही बात कहेगा। क्रोध पर विजय प्राप्त करने के कुछ सूत्रों को समझने से पूर्व यह जानना जरूरी है कि आदमी को गुस्सा आखिर क्यों आता है ? आम तौर पर गुस्सा करने वाले लोगों से पूछा जाए तो उनका एक ही जवाब होता है- 'साहब, कोई झूठ बोले या गलती करे तो गुस्सा आता है। मेरे देखे यह जवाब थोड़ा गलत ही है। व्यक्ति को अगर गलतियों पर गुस्सा आए तो केवल औरों की गलतियों पर ही क्यों? खुद की गलतियों पर क्यों नहीं। सच तो यह है कि दूसरे की छोटी-सी गलती को भी हम बर्दाश्त नहीं कर पाते और अपने अहंकार की संतुष्टि के लिए गुस्सा कर बैठते हैं। अगर गलती पर गुस्सा आए तो औरों की गलती पर ही क्यों? खुद से गलती होने पर हम क्या करते हैं? हम सड़क पर चले जा रहे थे। पाँव पर ठोकर लगी और अंगूठे से खून बहने लगा। क्या आप मुझको बताएंगे कि उस वक्त आप किस पर गुस्सा करेंगे? भोजन कर रहे थे कि थोड़ी सी असावधानी के कारण गाल या जीभ दांत के नीचे आ गई। उस स्थिति में आप किस पर गुस्सा करेंगे? उपेक्षा : क्रोध की जननी जब व्यक्ति की अपेक्षा उपेक्षित होती है तो उसे क्रोध आता है। अपेक्षा और क्रोध का गहरा रिश्ता है। पता ही नहीं लगता कि थोड़ा-सा उपेक्षित होते ही व्यक्ति कितना विकराल रूप ले लेगा? पहले हम सम्बन्ध बढ़ाते हैं और फिर संबंधों में अपेक्षा पालते हैं। जब-जब अपेक्षा उपेक्षित होती है तब-तब व्यक्ति को बुरा लगता है। फिर संबंधों में दरार पडनी शुरू हो जाती है। आप अपने खास दोस्त से यह अपेक्षा रखते हैं कि जब उसका जन्मदिन हो तो आपको याद करे और साथ ही यह भी अपेक्षा रखते हैं कि आप का जन्मदिन हो तो भी वह आपको शुभ कामना का संदेश देने का ध्यान रखे। अगर उस दिन किसी कारणवश वह भूल गया और तीन दिन बाद फोन पर आपको शुभकामना दी तो आपको लगेगा कि उसकी जिंदगी में आपका कोई मूल्य नहीं है और आप उपालम्भ दे बैठेंगे। Jain Education International 60 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003870
Book TitleChinta Krodh aur Tanav Mukti ke Saral Upay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLalitprabhsagar
PublisherPustak Mahal
Publication Year2012
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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