________________
इस सारे परिवेश में हमें प्रवेश दिलाती है श्री चन्द्रप्रभ के आध्यात्मिक मार्गदर्शन से परिपूर्ण यह पुस्तक। निश्चय ही यह पुस्तक अध्यात्म की वह कुंजी है, जो हमारे मानव-मन को बहुत गहरे तक प्रभावित करती है और जीवन के अँधेरे कोनों में रोशनी के चिराग स्थापित करती है। श्री चन्द्रप्रभ के इन प्रवचनों में उनकी दिव्य शांति, साधना और अनुपम आनंद-दशा की सुगंधित बयार है।
पूज्य श्री चन्द्रप्रभ को सुनना अपने-आप में एक अद्भुत चमत्कार घटित करना है, सीधे तार से तार जुड़ते हैं, पर उन्हें पढ़ना भी किसी आह्लादकारी अनुभव से गुजरने के समान है। आप धैर्यपूर्वक इस पुस्तक के प्रतिदिन एक-एक अध्याय, एक-एक प्रवचन को पढ़ते जाइए, आपके सामने जीवन की आंतरिक गहराइयों की पर्ते स्वत: खुलती जाएँगी। मनुष्य की चेतना के विकास और निखार के लिए जितने उपाय हो सकते हैं, श्री चन्द्रप्रभ ने इस पुस्तक में उनका सटीक विवेचन किया है। इस पुस्तक को पढ़ना मानो आध्यात्मिक समृद्धि की कुंजी को पाना है। पहले आप इसे मन लगाकर पढ़िए, फिर मनन कीजिए और तब पहल कीजिए इसे अपने जीवन में आत्मसात् करने की। आप पाएँगे स्वयं में एक अद्भुत शांति, शुद्धि और मुक्ति की आनंदमयी दशा।
- पूज्य श्री चन्द्रप्रभ की करीब 200 प्रवचन पुस्तकें हैं। आप उनका उपयोग कीजिए। हर पुस्तक अपने-आप में किसी प्रकाश-पुंज के समान है।
- प्रकाश दफ्तरी
संबोधि धाम, जोधपुर-4
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org