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ध्यान और विश्व का भविष्य
Bana
हम अपने अंतर-जीवन में तीन बातों का अनुभव करते हैं - मन, प्राण और बुद्धि। प्राण प्राणियों की भूमिका है, मन मनुष्य की और बुद्धि विज्ञान की भूमिका है। प्राणियों का संबंध प्राण होता है, किन्तु मनुष्य प्राणी के अतिरिक्त अपने में मन और बुद्धि का स्वामित्व भी रखता है। मन और बुद्धि मनुष्य की महानतम विशेषताओं में से एक है। दोनों का संबंध हमारे मस्तिष्क से है। मस्तिष्क प्रकृति का सर्वोत्कृष्ट आविष्कार है।
मनुष्य मन के अनुसार चलता है। मन मनुष्य का प्रेरक तत्त्व है। मन की जैसी प्रेरणा होती है, आदमी वैसा ही करता है। इंद्रियाँ और देह तो वही करते हैं जो उन्हें उनके मालिक की ओर से आदेश मिलते हैं। मन मनुष्य का मालिक बना हुआ है। मन को शक्ति मिलती है चित्त से, साथ ९८ / ध्यान का विज्ञान
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