________________
होना चाहिए। डर से बाहर निकलो तो ही जीत है।
विश्वास जीवन का सबसे मूल्यवान तत्त्व है। जब तक है जिगर में श्वास, तब तक रखो आत्म-विश्वास। अपने आप पर यकीन रखो। मैं ग़लत नहीं होता हूँ, मैं ग़लत नहीं बोलता हूँ, मैं ग़लत नहीं सोचता हूँ, ग़लत व्यवहार नहीं करता हूँ। फिर डर किस बात का? जो डर गया सो मर गया। चाहे भाषण देना हो या इंटरव्यू, बोलते समय अपने पर आत्म-विश्वास होना चाहिए।
ऐसा हुआ। एक इंटरव्यू चल रहा था। नौकरी पाने की आशा में कई लड़के इंटरव्यू देने पहुँचे। जैसे ही एक लड़का कक्ष में पहुँचा, इंटरव्यू लेने वाले ने कहा - हाँ जी, आपके शर्ट में बटन कितने हैं? उसने कहा - सात । इंटरव्यू लेने वाले ने पूछा - तुम्हें ऑफिस निकलना है और तुम्हारे शर्ट के ऊपर का बटन टूटा हुआ है। तुम क्या करोगे? उसने कहा - सर, नीचे का बटन खोलूँगा और सुई धागे से हाथोहाथ ठीक कर लूँगा। बोले - अगर उसके नीचे का भी एक बटन टूटा हुआ है तो क्या करोगे? बोला- सर! नीचे का एक और बटन निकाल कर ऊपर लगा लूँगा और शर्ट को पेंट के अंदर डाल दूंगा। इंटरव्यू लेने वाले ने पूछा - फिर भी तुम्हारा एक बटन और टूटा हुआ है तो तुम क्या करोगे? बोले - सर, इसमें चिंता की क्या बात है, पुराना शर्ट खोलूँगा और नया शर्ट पहन लूँगा। इंटरव्यू लेने वाले ने कहा - कल से नौकरी ज्वॉईन कर लेना। __ क्या नौकरी तत्काल लगने का आप कारण समझ गए? क्योंकि उसने आत्मविश्वास पूर्वक ज़वाब दिया। जहाँ पर आत्म-विश्वास पूर्वक ज़वाब दिया जाता है, वहाँ आगे की कहानी अपने आप क्लीयर हो जाती है। ___ तीसरी बात, तीसरा स्टेप : हम अपनी वाणी में दूसरों की प्रशंसा करने की
आदत डालें। जब भी बोलना हो हमेशा सामने वाले की पीठ थपथपाते हुए बोलें। याद रखें, चींटी की भी अगर पीठ थपथपाओगे तो वह ना कुछ होते हुए भी सड़क तो क्या पूरा पहाड़ लाँघ जाएगी। बेटा अगर असफल हो जाए तब भी कहें घबरा मत । फेल हो गया कोई बात नहीं। इस बार जमकर मेहनत करना। जो हो गया सो हो गया। अगला साल तुम्हारा होगा। मैं भी तुम पर ध्यान दूंगा। मन लगाकर पढ़ाई करना। अगर उसको डाँटोगे भी, घर से निकालोगे भी तो होगा क्या? वह पास तो होने से रहा, फेल तो हो ही गया। हम उसे वापस प्रोत्साहित करें। कमज़ोर की पीठ थपथपाओगे तो पाँव अपने आप मज़बूत हो जाएँगे। बस
108 |
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org