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________________ ऐसे ही एक विनोदी व्यक्ति बेकरी शॉप पर पहुँचा। उसने पूछा – क्या आपके यहाँ कुत्तों के बिस्किट मिलते हैं '? दुकानदार भी कहाँ कम था ! उसने कहा, 'यहीं खाएंगे या पैक कर दूं?' एक पति-पत्नी मजाकिया भी थे और लड़ते-झगड़ते भी थे। रात में सोने से पहले पत्नी ने कहा – 'सब चैक कर लिया न्, क्या सारे खिड़की दरवाजे ठीक से बंद कर दिए? रात में कहीं चोर न घुस आएँ, क्या ताले वगैरह लगा दिये? सब बंद कर लिया न्। पति ने कहा – सब बंद कर लिया है, केवल तुम्हारे मुँह को छोड़कर।' ऐसा हुआ। एक पति-पत्नी रात में जल्दी सो गए कि अचानक आधी रात को पत्नी की आँख खुली। उसकी कैलेन्डर पर नज़र पड़ी और चौंकी। तो आज ये?' झट से गई रसोई घर में और एक गिलास दूध लाकर पति को जगाया, 'अरे उठो, उठो, लो दूध पी लो।' पति जागा और सोचा, ग़ज़ब हो गया, आज तक पत्नी ने जिंदगी में कभी सोने से पहले दूध नहीं पिलाया और आज़ आधी रात में जगाकर दूध पिला रही है। उसने पूछा, 'क्या बात है जो आज दूध पिला रही हो?' पत्नी ने कहा, अभी-अभी कैलेंडर देखा तो पता चला कि आज नागपंचमी है, अब आधी रात को नाग कहाँ ढूँढने जाऊँ सो.....?' एक आदमी अपने मित्रों के साथ बैठा हुआ था। मित्रों ने कहा, 'तू बड़ा कंजूस है, कभी कुछ खिलाता-पिलाता नहीं है, हमेशा ही खा-पीकर चला जाता है। उसने कहा - 'क्यों कोसते हो भाई ? तुम्हारी इतनी ही इच्छा है तो घर आ जाओ खा लो।' दोस्तों ने कहा, 'ठीक है तू घर जा। हम तेरे पीछे आते हैं।' उसने पूछा, 'अच्छा खाओगे क्या?' दोस्तों ने कहा - 'रसगुल्ले'। वह व्यक्ति चला गया। रास्ते से ढाई सौ ग्राम रसगुल्ले लेता गया। सोचा, पाँच-सात मित्र ही आ रहे हैं और पाव भर में सातआठ रसगुल्ले तो आ ही जाएँगे। दोस्तों ने सोचा, – 'यह कभी-कभी फँसता है। आज तो इसे अच्छा मजा चखाएँगे'। वे मोहल्ले में से और पचास लोगों को इकट्ठा करके ले आए। उसके घर पहँचे। उसने इतने सारे लोग देखे तो वह भी मुश्किल में फँस गया। ये सब तो उसका पानी ही उतार देंगे। उसने कहा, 'तुम सब लोग बैठो, मैं अभी और रसगुल्ले लेकर आता हूँ।' वे लोग प्रतीक्षा करने लगे। अब आए, अब आए पर तीन घंटे बीत गए वह नहीं आया। अब क्या करें? वे चल दिए, बाहर आकर देखा कि वह तो सिर पर 'पोतिया' जैसा कपड़ा बाँधे बैठा है यानी जो किसी के मर जाने पर बांधा जाता है। सभी वहाँ पहुँचे। मन में तो क्रोध से भरे हुए थे, लेकिन जब उसे ऐसी हालत में देखा तो सभी उसके पास जाकर चुपचाप बैठ गए। धीरे से पूछा – 'भैया, कौन मर गया है ?' उसने कहा - 'दादीजी मर गई।' लोग बोले - अरे, दादीजी मरे तो तीस साल हो गए। उसने जवाब दिया - अरे, तब पोतिया (सिर पर कपड़ा) नहीं बाँध पाया था सो अब बाँध कर बैठा हूँ'। उसने जवाब दिया। ___एक विनोद और सुनिए। एक महाशय वकील जेठमलानी के पास पहुंचे और कहा, 'मेरा पत्नी से LIFE bb Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003860
Book TitleLife ho to Aisi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages146
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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