________________
तनाव से बचना और मुक्त होना हमारे ही हाथ में है। हम चाहें और वह काम न हो यह कैसे संभव है ? इस वक्त भी प्यार से मुस्कुराइए और हर हाल में मस्त रहिए! जीवन को बहुत सहजता से जिएँ। सहजता तनाव-रहित जिन्दगी की धुरी है। सहज जिएँ, सौम्य रहें, व्यस्त और मस्त रहें। आज के लिए अपनी ओर से इतना ही निवेदन है। आप सभी के अन्तर्मन में विराजित परमपिता परमेश्वर की दिव्य आभा को प्रणाम!
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org