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प्रवचन-क्रम
1. पहचानें, भीतर के बन्धन
2. मूर्च्छा : क्यों न गई मन से
3. तृष्णा : कब मिलेगा किनारा
4. पढ़ें, मन का चरित्र
5. दुनिया के दलदल में खिलते कमल
6. स्थिति, शुद्धि और मुक्ति
7. संसार के आर-पार
8. सर्वोदय हो धर्म का
9. एकत्व का शाश्वत बोध
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