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________________ उसने अच्छा किया जो पहले ही दूध थोड़ा कम कर दिया, नहीं तो दूध कम करने की तकलीफ और उठानी पड़ती।' ___ आधे खाली गिलास पर जोर देना नकारात्मकता है, वहीं आधे भरे गिलास पर गौर करना जीवन की सकारात्मकता है। ___ जीवन के हर पहलू के प्रति वैसा ही रवैया अपनाएँ जैसा कि आधा गिलास के प्रति अपनाते हैं। यदि खालीपन पर गौर करते रहेंगे, तो ध्यान रखिए दुनिया में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है कि जिसमें कमी न हो । यदि भरेपन पर गौर करेंगे तो दुनिया में ऐसा कोई आदमी, प्राणी या वस्तु नहीं है जिसमें कोईन-कोई विशेषता न हो। अपने नज़रिए को ठीक कीजिए, सदा पोजेटीवरखिए, आप हर कदम पर प्लस में रहेंगे। सास अगर बहू को किसी कारणवश डाँट देती है तो बहू यह न सोचे कि मेरी गलती पर तो सास ने डाँट दिया मगर यही गलती उनसे हो जाती तो उन्हें कौन डाँटता? बल्कि वह यह सोचें कि सास तो घर की बड़ी महिला है उन्होंने यदि डाँट भी दिया तो क्या हुआ ! अगर वे न कहेंगी तो और कौन कहेगा? नज़रिये में होने वाला यह सकारात्मक बर्ताव आपके चित्त की तथा अन्तरहृदय की स्थिति को ठीक रखने में सफल हो जाएगा। घटिया नज़रिया रखने पर पति के घर में आते ही सिर फुटव्वल शुरू हो जाएगी और छ: महीने बाद एक ही पिता का रहने वाला खून, पाँच भाइयों का एक ही खून तब पिता के सामने ही बँट जाएगा। कोई कहीं रहेगा और दूसरा कहीं और ! बुजुर्गों को घर के लिए भारभूत न समझें। बुजुर्ग तो वे रोशनदान होते हैं जो हर हालत में घर की व्यवस्थाओं और मर्यादाओं का ख्याल रखते हैं। वे तो घर-आँगन में लगे उस पेड़ की तरह होते हैं जो फल न भी दे, तब भी छाया तो अवश्य देते हैं। उनकी बात का बुरा न मानें । वे जैसे भी हैं, उन्हें निभाने का गौरव अवश्य लीजिए। उनकी दुआएँ आपकी सात पीढ़ी के काम आएगी। ___ छोटों से अगर गलती हो जाए तो उन पर इतनी जल्दी तैश न खायें। बच्चे हैं, बच्चों से गलती नहीं होगी तो भला किससे होगी? बच्चे तो गलतियाँ करते ही रहते हैं। बड़े डाँट दें तो लघुता रखो और छोटों से गलती हो जाए तो वाह! ज़िन्दगी ५० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003856
Book TitleWah Zindagi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2005
Total Pages114
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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