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________________ नज़रिये की कला हासिल कर ली, उसने धरती पर देवत्व पा लिया। सकारात्मक नज़रिया तो जीवन की एक अनोखी पूजा है। सकारात्मक नज़रिया ही जीवन को सकारात्मक और सार्थक परिणाम दे पाएगा। जीवन को बाँस बनाना है या बाँसुरी, सब कुछ जीवन के प्रति रहने वाले नज़रिये पर ही आधारित है। बाँस का उपयोग लोग केवल अंतिम संस्कार के समय करते हैं जबकि जीवन अंतिम संस्कार के लिए नहीं है। जीवन को बाँसुरी का रूप दीजिए और उसके बेहतर परिणाम निकालिए। सवालनहानि का है, न लाभ का।सवाल है दोनों स्थितियों के प्रति रहने वाले नकारात्मक और सकारात्मक नज़रिये का। नकारात्मक नज़रिये के लोग जहाँ लाभ में खुशियों का आनंद नहीं ले पाएँगे, वहीं सकारात्मक नजरिये के लोग हानि में भी अपनी मन की स्थिति को ठीक रख लेंगे। वे अपनी गलती को सुधारने की सोचेंगे और वापस उत्साह और ऊर्जा के साथ काम में लग जाएँगे। हम अगर एक बार यह फैसला कर लें कि मैं जीवन के प्रति हर हालत में सकारात्मक रहूँगा, तो हमारा यह फैसला ही हमें जीवन के प्रति उत्साह-भाव से भर देगा। आखिर सब कुछ फैसले पर ही तो निर्भर है। अगर मेरा यह फैसला है कि मैं हर हाल में खुश रहूँगा, तो निश्चित ही खुश ही रहूँगा। मैं मानता हूँ कि कोई हमें गाली दे सकता है, हमारे साथ बदतमीजी कर सकता है, पर अगर हमारा फैसला खुशी का है, तो हम गाली पर ध्यान नहीं देंगे। ___ कहते हैं : एक एस.पी. पर किसी ने गुस्से में थूक दिया। हैड कांस्टेबल ने यह देखते ही रिवाल्वर निकाल लिया। वह थूकने वाले पर गोली चलाए, उससे पहले ही एस.पी. ने उसे रोक दिया और रिवाल्वर वापस पर्स में डालने का संकेत किया। एस.पी. ने रूमाल निकाला और थूक पोंछकर रूमाल फेंक दिया। लोग यह देखकर विस्मित हो उठे। एस.पी. ने कहा, 'जो काम रूमाल से निपट सकता है, उसके लिए रिवाल्वर निकालने की कोई आवश्यकता नहीं हैं। यह है सकारात्मक दृष्टिकोण। मैं शांत और प्रसन्न रहूँगा-आपके इस फैसले के कारण ही आप ऐसा व्यवहार कर सकेंगे। अच्छा नज़रिया तो किसी जादुई छड़ी की तरह है जिसका बेहतर जीवन का बेहतर नज़रिया ४७ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003856
Book TitleWah Zindagi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2005
Total Pages114
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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