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४८ विविध पूजासंग्रह जाग प्रथम.
हाथमा लइ पूजानो पाठ कही, बेल्लो मंत्र जणी जुने डावी बाजु धूप उखेवे.
५ पठी पांचमी पूजामां मौलीसूत्र प्रमुखनी वाट करी, निर्मल सुगंधित घृतथी दीपक जरी रकेवीमां राखी, केबी हाथमां लइ पूजानो पाठ कही, बेल्लो मंत्र जणी, प्रभुजीनी जमणी बाजुए दीपक राखी उपर टीको करे.
६ पड़ी बड़ी पूजामां उज्ज्वल अखंग अक्षत रकेबीमां नाखी, रकेवी हाथमां घरी पूजानो पाठ कही, बेल्लो मंत्र जी प्रभुजी आगल स्वस्तिक तथा तंडुलना त्रण पुंज करे.
७ पछी सातमी पूजामां मोदक, मिश्री, खाजां, पतासां प्रमुख अनेक उत्तम पक्कान्न रकेबी मां नाखी, रकेवी हाथमां धरी पूजानो पाठ कही, बेल्लो मंत्र जणी प्रभु श्रगल नैवेद्य धरे .
छपठी श्रावमी पूजामां लविंग, एलची, सोपारी, नालियेर, बदाम, ड्राख, बीजोरां, दामिम, नारंगी, थांबा, केलां प्रमुख सरस सुगंधित रमणीय फल रकेबी मां राखी, रकेबी हाथमां धरी, पूजानो पाठ कही, बेल्लो मंत्र जणीने प्रभु आगल फल धरे. पठी पूजानो कलश कही, विधि संयुक्त स्नात्रीयार्ज
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