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(१०७)
॥अथ॥ ॥ अथ नरहेसरनी सजाय ।। ॥ नरहेसर बाहुबली, अजयकुमारो अ ढंढणकु मारो ॥ सिरि अणियाउत्तो, अश्मुत्तो नागदत्तो थ॥१॥ मेअऊ थूलिजद्दो, वयररिसी नंदिसेण सीदगिरि ॥ कयवन्नो अ सुकोसल, घुमरि केसि करकंम्॥२॥ हद विहब सुदंसण, साल महासाल साविनदोष ॥ नदो पसन्नजद्दो, पसन्नचंदो अज सजद्दो ॥ ३ ॥ जंबुपडु वंकचूलो, गयसुकुमालो अवंतिसुकुमालो ॥ धन्नो इलाश्पुत्तो, चिलाश्पुत्तो अ बाहुमुणी ॥ ॥ अजागिरि अजर रिकत्र, अ जासुहबी उदायगो मणगो ॥ कालयसूरी संबो, प अन्नो मूलदेवो अ॥ ५ ॥ पत्नवो विह्रकुमारो, थ दकुमारो दढप्पहारी अ॥ सिांस कूरगडुश्र, सि जांचव मेहकुमारोथ ॥६॥ एमाश् महासत्ता, दि तु सुहं गुणगणेहिं संजुत्ता ॥ जेसिं नामग्गहणे, पावपबंधा विलय जंति ॥ ७ ॥ सुलसा चंदनबाला, मणोरमा मायणरेह दमयंती ॥ नमया सुंदरि सीया, नंदा जद्दा सुनद्दाय ॥ ॥ राश्म रिसि दत्ता, पजमावर अंजणा सिरीदेवी ॥ जित सुजित
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