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प्रतिक्रमण सूत्र. केरी वात ॥ खंधे कुहामो बेश करी रे, मयाणा हु विख्यात ॥ च ॥५॥ चंपाराज्य लेई करी रे, जोगवी कामितनोग ॥धर्म आराधी अवतस्यो रे, पहोतो नवमे सुरलोग ॥ च ॥ ६॥ इति ॥
॥ ढाल चोथी ॥ कंत तमाकू परिहरो ॥ ए देशी ॥ ॥ एम महिमा सिद्धचक्रनो, सुणि आराधे सुविवेक ॥ मोरे लाल ॥१॥ श्री सिझचक्र आराधीयें ॥ ए आंकणी ॥ अडदल कमलनी थाप ना, मध्ये अरिहंत उदार ॥ मो० ॥ चिहुं दिशें सिझादिक चन, वक्र दिशें तुं गुणधार ॥ मो॥२॥श्री० ॥ बे पमिकमणां जंत्रनी, पूजा देव वंदन त्रिकाल ॥ मो० ॥ नवमे दिन सविशेषथी, पंचामृत कीजें पखाल ॥ मो० ॥३॥ श्री० ॥ नूमिशयन ब्रह्मविध धारणा, रूंधी राखो त्रण जो ग ॥ मो॥ गुरु वैय्यावच्च कीजियें, धरो सद्दहणालोग ॥ मो॥४॥ श्री० ॥ गुरु पमिलानी पारियें, सहाम्मिवबल पण होय ॥ मो ॥ उजम णां पण नव नवां, फल धान्य रयणादिक ढोय ॥ मो० ॥५॥ श्री० ॥ इह नव सवि सुख संपदा, परनवें सवि सुख थाय ॥ मो ॥ पंमित शांति विजय तणो, कहे मान विजय उवकाय ॥ मो० ॥ ६॥ श्री० ॥ इति ॥
॥ अथ रोहिणीतपर्नु स्तवन ॥ ॥ हारे मारे वासुपूज्यनो नंदन, मधवा नाम जो ॥राणी तेहनी कम ला, पंकजलोयणी रे लो॥हारे मारे आठ पुत्र ने, ऊपर पुत्री एक जोमात पिताने वहाली, नामें रोहिणी रे लो ॥ १॥ हारे मारे देखी यौवन, वय निजपुत्री नूप जो ॥ स्वयंवर मंझप मांमी, नृप तेमाविया रे लो॥ हारे मारे अंग वंग ने, मरुधर केरा राय जो॥चतुरंगी फोजांथी चंपायें, आवियारे लो ॥॥ हारे मारे पूरव जवना रागें, रोहिणी ताम जो ॥ नूप अशोकने कंठे, वरमाला धरे रे लो॥ हारे मारे गज रथ घोमा, दान अने बहुमान जो ॥ देश वोलावी बेटी, बहु आडंबरें रे लो॥३॥ हारे मारे रोहिणी राणी, जोगवतां सुख लोग जो ॥ आठ पुत्रने पुत्री, चार सोहामणी रे लो॥ हारे मारे आठमा पुत्रनुं लोकपाल के नाम जो ॥ तेखोले लेश्बेठी, गोंखे नामिनी रे लो॥४॥ हारे मारे एहवे कोश्क, नगर वणिकनो पुत्र जो ॥ आयुःदयें थी बालक, मरणदशा लहे रे लो॥ हारे मारे मात पितादिक, सह तेनो परिवार जो ॥ रमतो पमतो गोंख तले, थश्ने वहे रेलो ॥५ हारे मारेते
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