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॥ गह दिसिपाल सुरिंदा, सयावि रकंतु जिणजत्ते ॥४॥ रकंतु मम रोहिणी, पन्नत्ती वऊसिंखला स. या ॥ वजंकुसि चक्केसरि, नरदत्ता कालि महाकाली ॥५॥ गोरी तह गंधोरी, महजाला माणवी अवश्. रुट्टा ॥ अबुत्ता माणसियो, महामापसिया उ देवी ॥६॥ जरका गोमुह महजरक, तिमुह जकेस तुंबरू कुसुमो ॥ मायंगो विजया जिय, बंजो मणु सुरकुमारो ॥७॥ बम्मुह पयाल किन्नर, गरुमो गंधव तहय जकिंदो ॥ कूबर वरुणो
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