________________
Homxuxg
जैन स्तोत्र रत्नाकर.
P नवस्मरण उपरांत छ स्तोत्र अनानुपूर्वी वगेरे सुधारा,
वधारा साथे.
यथामति संशोधन करी
___ छपावी प्रसिद्ध करनार श्रावक नीमसिंह माणेक, जैन पुस्तक वेचनार तथा प्रसिद्ध करनार, ६ १०७, धनजी स्ट्रीट, मुंबई. ३. | वीर संवत् २४५० विक्रमार्क १९८० धी न्यु लक्ष्मी प्रेस. शाकगल्ली मांडवी मुंबई. ३.५
Jain Educationa Internatioresonal and Private Use www.jainelibrary.org