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शकुनशास्त्रे इंशावरुणी नामनुं वृक्ष उगेलुं मावुम पमे तेवी नूमि पर घर बांधीने वसवाथी कुटुंबमा मोहनी उत्पत्ति थाय जे. जे नूमिका पर बीजोरानुं वृक्ष उगेलु होय तेवी नूमिका पर घर बांधीने वसवाथी कुटुंबर्नु कल्याण थाय जे. जे नूमिका पर पनश नामर्नु वृक्ष उगेलुं होय तेवी नूमिका पर घर बांधीने वसवाथी कुटुंबमां कंपवायुनो रोग थाय ने. जे नूमि पर आवळनुं वृक्ष उगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधीने वसवाथी कुटुंबनी व्याधिनो नाश थाय जे. जे नूमिका पर केवमार्नु वृद उगेलु होय तेवी नूमि पर घर बांधीने वसवाथी कुटुंबनां बाळकोनो नाश श्राय . जे चूमिका पर कोळांनुं वृक्ष उगेलं होय तेवी नूमिका पर घर बांधीने वसवाश्री कुटुंबनी वंध्या स्त्रीने पण गर्न रहे . जे नूमिका पर जमीनमां तैलकंद नामना कंदनी उत्पत्ति थती होय तेवी नूमि पर घर बांधीने वसवाथी घणा सुवर्णनी प्राप्ति थाय . जे नूमिका पर नूमिनी अंदर सूरण नामनां कंदनी उत्पत्ति थती होय तेवी नूमि पर घर बांधीने वसवाथी कुटुंबनां माणसोमां उदरनी व्याधिनो रोग थाय . जे नूमि पर हाथलां नामनां वृदनी उत्पत्ति थती होय तेवी नूमि पर घर बांधीने वसवाश्री कुटुंबमां जोह उत्पन्न श्राय जे. जे चूमिका पर मरमाशिंगीन वृद नगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधीने वसवाथी कुटुंबनां माणसोनुं युवावस्थामांज मृत्यु थाय बे. (उपर प्रमाणे जे वृक्षोनुं स्वरूप कह्यं ते वृदोनी हद घरबी
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