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सप्तमः प्रस्तावः।
६३ कनो नाश थाय . जे नूमिका पर मंजिष्ट नामनां वृक्षनी उत्पत्ति श्रयेली होय तेवी नूमि पर घर बांधीने वसवाश्री चौर श्रादिकनो उपजव थाय जे. जे जूमिका पर सिंहपुची (पीपवनी) नामर्नु वृक्ष जगेलुं होय तेवी जूमिका पर घर बांधीने वसवाश्री कुटुंबनो पित्तविकारथी नाश थाय जे. जे नूमिका पर थरमुसानुं वृद उगेलुं होय तेवी नूमिका पर घर बांधीने वसवाथी कुटुंबमा कफप्रकोपनो व्याधि थाय . जे नूमिका पर शालेव नामर्नु वृक्ष जगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधीने वसवाथी कुटुंबनां माणसो मूर्ख थाय जे. जे नूमिका पर और नामर्नु वृक्ष उगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधीने वसवाथी कुटुंबमां श्वासना रोगनी उत्पत्ति थाय जे. जे नूमिका पर जेठीमधन वृक्ष नगेलुं होय तेवी नूमि पर घर बांधीने वसवाश्री कुटुंबनां माणसो शांत स्वनावनां थाय बे. जे जूमिका पर काकमुजा नामनुं वृक्ष उगेलुं होय तेवी चूमि पर घर बांधीने वसवाथी कुटुंबमां संतानोनां बाळपणामांज मृत्यु थाय . जे नूमिका पर शालपर्णी नामर्नु वृत जगेर्बु होय तेवी जूमिका पर घर बांधीने वसवाश्री कुटुंबनां माणसोने तुरत धमपण आवे जे. जे जूमिका पर सोपारीनुं वृद उगेलुं होय तेवी जूमि पर घर बांधीने वस. नामनु वृदं उंगलुहाये तवालाम पर घरे बघिान वसवाथा कुटुंबमां संतानोनां बाळपणामांज मृत्यु थाय . जे नूमिका पर शालपर्णी नामर्नु वृह उगेलुं होय तेवी नूमिका पर घर बांधीने Prerana mयो aa Trum गाने ने ले जा
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