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________________ चतुर्थः प्रस्तावः। सेवq नहीं. जे दिवसे देशांतर जq होय ते दिवसे गाय श्रादिक पशुउने तामन करवू नहीं. देशांतर जती वेळाए सन्मुख जोवानां शकुनो. देशांतर जती वेळाए घरथी बहार नीकळती वेळाए आमी जो बिलामी उतरे अथवा जो सर्प उतरे तो विश्राम लीधा विना बीलकुल प्रयाण करवू नहीं. सन्मुख जो अश्व पर नेसीने को हथियारबंध माणस अवतो मालुम पमे तो ते शुलने सूचवे . सन्मुख जो स्वार विना अश्व आवतो मालुम पमे अने ते जो हेषारव करे तो ते पण शुलनेज सूचवे . वळी पोतानो स्वारी करवानो अश्व जो हेपारव करे तो ते पण शुलनेज सूचवे . सन्मुख श्रावतो कोइ अश्व जो पोतानी पासे आवीने उनो रहे अने पोताना पग वती जो नूमि खोदवा लागे तो ते अशुनने सूचवे . सन्मुख जो कोइ हस्ती आवतो मालुम पमे, सन्मुख जो गाय आवती मालुम पमे, कोश् कुमारिका पोताना मस्तक पर दहीं, पाणी अथवा मधथी लरेलु माटीनुं वासण लश्ने सन्मुख आवती जो मालुम पमे, जो कोइ सधवा स्त्री पोताना मस्तक पर पाणीनुं वासण लश्ने तथा पोताना बन्ने हाथ कुलावती अकी श्रावती मालुम पमे, जो कोइ गर्दन माटीना बोजा सहित सन्मुख आवतो मालुम पके, कोइ बळद अथवा महिष (पामो) पाणीनी पखालश्री लादेलो सन्मुख श्रावतो मालुम पमे, कोइ सधवा स्त्री पोताना मस्तक पर मग अथवा लवणथी नरेलुं वासण लश्ने सन्मुख आवती जोमालुम पमे, सन्मुख जो कोश् सधवा स्त्री अथवा कुमारिका पोताना शकु. ३ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003841
Book TitleShakun Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1919
Total Pages120
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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