________________
वीर निर्वाण सम्वत् वह भी पूछने पर यह दावा नहीं करते। फिर जन्मसे अल्पवयस्क और प्रव्रज्यामें नये आप गौतमके लिये तो कहना ही क्या है ?
___ इस कथनसे तो यही प्रकट होता है कि बुद्ध अन्य सब विपक्षी शास्ताओंसे लघु.वयस्क थे। किन्तु दीघ निकायके 'सामञ्जफल मुत्त में अजातशत्रुसे भेंटके समय महावीरको 'श्रद्धगतो वयो' लिखा है। अर्थात् अजातशत्रुके राज्यारम्भके समय महावीर लगभग पचास वर्षके थे। यह कथन प्रचलित निर्वाण सम्वत्के आधार पर ऊपर निर्धारित कालक्रमके तो अनुकूल है क्योंकि उसके अनुसार ई० पू० ५५२ के लगभग अजातशत्रु राजा हुआ, और उस समय महावीर भगवानकी आयु ४७ वर्षकी थी। उसके पश्चात ही अजातशत्रु पिताकी मृत्युके सन्तापका शमन करनेके लिये विभिन्न शास्ताओंके पास गया था । किन्तु जटिलसुत्तके उक्त कथनके साथ उसकी संगति नहीं बैठतो, क्योंकि बुद्धका निर्वाण अजातशत्रुके राज्यके आठवें वर्षमें हुआ माना जाता है। और बुद्धकी आयु ८० वर्षकी था। अतः उक्त भेंटके समय बुद्धकी आयु ७५ वर्ष होनी चाहिये, और अद्धगतोवयो महावीरकी ५० वर्ष, जैसा कि हमने बतलाया है। अतः त्रिपिटिकोंमें दत्त घटनाओंके कालक्रमको सर्वथा प्रामाणिक नहीं माना जा सकता । और इसलिये उसमें दत्त महावीर भगवानको मृत्युकी घटनाको प्रमाण कोटिमें नहीं रखा जा सकता।
इस प्रकार प्रचलित वीर निर्वाण सम्वत्के अनुसार महावीर भगवानका निर्वाण वि० स० से ४७० वर्ष पूर्व, शक सम्वत्से ६०५ बर्ष पूर्व और ई० सन्से ५२७ वर्ष पूर्व माननेसे बुद्ध, गोशालक, श्रेणिक, अजातशत्रु आदि समकालीन व्यक्तियोंके साथ उसका
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org