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________________ २६६ वीर निर्वाण सम्वत् समकालीन व्यक्ति जैन तथा बौद्ध उल्लेखों के अनुसार महात्मा बुद्ध, आजीविक सम्प्रदायके संस्थापक मक्खलि गोशाल, वैशाली नरेश चेटक । मगधराजा श्रेणिक या बिम्बसार और श्रोणिक पुत्र अभय और कुणिक या अजातशत्रु, ये इतिहासप्रसिद्ध व्यक्ति भगवान् महाबीरके समकालीन थे। उनके सम्बन्धमें जैन उल्लेखों से नीचे लिखे तथ्य प्रकाश में आते हैं लिच्छवि गण तंत्रके प्रमुख चेटकराजकी सबसे बड़ी पुत्री की कुक्षिसे महाबीर का जन्म हुआ था और सबसे छोटी पुत्री चेलना राजा श्रेणिककी पटरानी और कुणिककी जननी थी। __ जैन ग्रन्थकारोंके द्वारा निबद्ध श्रेणिक चरितके अनुसार श्रेणिकके पिताने श्रेणिकको अपने राज्यसे निकाल दिया था। मार्गमें एक ब्राह्मणका साथ होगया। उसकी बुद्धिमती पुत्रीसे श्रेणिकने विवाह किया। उससे अभयकुमार नामक पुत्र हुआ। पिताकी मृत्यु हो जानेके पश्चात् श्रेणिकको मगधका राज्य मिला, और बड़ा होने पर अभयकुमार राजमंत्री हुआ। अभय कुमारके मंत्रित्वकालमें राजा श्रेणिक चेटककी सबसे छोटी पुत्री चेलना पर आसक्त हो गये और चेटकसे उसकी याचना की। चेटकके द्वारा अस्वीकृत किये जाने पर अभयकुमार ने छलसे चेलना का हरण करके श्रेणिकके साथ उसका विवाह करा दिया। उस समय राजा श्रेणिक जैनेतर धर्मावलम्बी थे और १-वृ० क० को, कथा ५५ . Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003837
Book TitleJain Sahitya ka Itihas Purv Pithika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKailashchandra Shastri
PublisherGaneshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
Publication Year
Total Pages778
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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