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जै० सा० इ०-पूर्व पीठिका सम्बन्ध नहीं है। इसी तरह महावीर के निर्वाण के ४७० वर्ष पश्चात् जिस विक्रम राजाके होनेका उल्लेख है, उसका इतिहास में कोई अस्तित्व नहीं है। इसलिये उन पुरानी गाथाओंमें जिस प्रकार काल गणना की गई है तथा जो राजाओंका राज्यकाल दिया है वह सब निमूल है। ___ २–बौद्ध साहित्यसे प्रकट है कि महावीर और बुद्ध दोनों समकालीन थे तथा बौद्ध ग्रन्थोंके अनुसार बुद्धका निर्वाण ईस्वी सन् से ४७७ वर्ष पूर्व हुआ था। जनरल कनिंघम और मोक्षमूलरने भी इस समयको माना है। बुद्धकी अवस्था मृत्यु समय ८० वर्षकी थी। यदि जैन गाथाओंके अनुसार महावीर का निर्वाण ई० स० पूर्व ५२७ वर्षमें हुआ होता तो उस समय बुद्धकी आयु केवल ३० वर्ष होनी चाहिये। परन्तु सब कोई मानते हैं कि ३६ वर्षकी उम्रसे पहले बुद्धको बोधिलाभ नहीं हुआ। ऐसी स्थितिमें उनके अनुयायी उस समय कहाँसे हो सकते हैं। अतः यह सिद्ध होता है कि यदि महावीरका निर्वाण जैनोंकी मान्यताके अनुसार हुआ तो बुद्धके साथ उनकी समकालीनता कैसे बन सकती है।
३-यह भी कहा जाता है कि महावीर और बुद्ध दोनों श्रेणिकके पुत्र अजातशत्रुके राज्यकाल में वर्तमान थे। ऐतिहासिक उल्लेखोंके अनुसार अजातशत्रु बुद्ध के निर्वाणसे आठ वर्ष पूर्व राजगद्दी पर बैठा था और उसने ३२ वर्ष तक राज्य किया था। अब यदि उक्त जैन गाथाओंके अनुसार महावीरका निर्वाणकाल माना जाता है तो उक्त बात घटित नहीं होती। अतः या तो महावीरके निर्वाण कालको और इधर लाना चाहिये या बुद्धके निर्वाणसमयको पीछे ले जाना चाहिए । परन्तु बुद्धका
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