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( २२ ) वर्तमान जैन श्रागम और दिगम्बर परम्परा द्वादशांग के अथक में मत भेद गुर्वावली की पद्धति में भिन्नता बौद्ध संगीति और जैन वाचना श्रुत परिचय बारह अंगों के नाम दृष्टिवाद का महत्त्व पूर्वो का महत्त्व पूर्व नाम क्यों ? दृष्टिवाद का लोप क्या दृष्टिवाद का लोप जान बूझ कर किया गया श्वेताम्बर परम्परा में श्रुत के भेद कालिक श्रुत कालिक श्रुत और दृष्टिवाद में अन्तर दृष्टिवाद का विवरण तीन सौ त्रेसठ मत बौद्ध निकाय में बासठ मत श्रुत ज्ञान के बीस भेद पदों का प्रमाण चौदह पूर्वो के पदों का प्रमाण अंगों के पदों के प्रमाण को उपपत्ति श्रुत के अक्षर दृष्टिवाद में वर्णित विषय का परिचय परिकर्म
५५८. ५७१ ५७४ ५७६ ५८३ ५८८ ५६२ ६११
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सूत्र
प्रथमानुयोग
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