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________________ सञ्चालकीय चक्रव्य भगवद्भक्तों के आदर्श आचरण और त्यागमय जीवन सामान्य जन-जीवन में मार्गदर्शक होते हैं । इस द्वन्द्वात्मक जगत को जटिल परिस्थितियों के कोलों में जब जनता के धार्मिक विश्वास डगमगाने लगते हैं, तो तारण तरण पहुँचवान भक्तों की करुणापरिपूरित अमृतवाणी से ही भवदावदग्ध जनों को शान्ति एवं कर्तव्यपथ का निदर्शन प्राप्त होता है । ऐसे जगदुद्धारक हरि-भक्त सन्तों के पवित्र चरित्र और महिमा का वर्णन अनेक सतसङ्घी एवं गुरुभक्तों ने विविध रूपों में किया है । भक्तमाल, भक्त-परिचयी, मुनि-नाम-माला, साधु- वन्दना श्रादि अनेक प्रकार की रचनाएँ विभिन्न ग्रन्थ- सग्रहों में उपलब्ध होती हैं । ऐसी रचनाओं में महात्मा पयोहारिजी के शिष्य नाभादासजी कृत भक्तमाल प्रसिद्ध है । दादूपंथी, रामस्नेही, निरञ्जनी, राधावल्लभीय, गौडीय श्रौर हितहरिवंशीय सम्प्रदायों के भक्तों के परिचय भी पृथक्-पृथक् भक्तमालों में सन्दृब्ध हुए हैं । दादू सम्प्रदाय के कतिपय भक्तों की परिचायिका चारण कवि ब्रह्मदास कृत भक्तमाल का प्रकाशन प्रतिष्ठान की ओर से 'राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला' के अन्तर्गत ग्रन्थाङ्क ४३ के रूप में किया जा चुका है। दादू सम्प्रदाय का जन्म और विकास राजस्थान में ही हुआ और दादूपंथी भक्तों की वारणी भी अधिकांश में राजस्थानी भाषा में ही निबद्ध है । हरिदास पर नाम हापोजी के शिष्य राघवदासजी ने स्वरचित भक्तमाल अनेक दादूपंथी भक्तों के पावन चरित्रों का चित्रण किया है। इस भक्तमाल की एक टीका भी एतत् सम्प्रदायी शिष्य कवि चतुरदास द्वारा की गई, जिसमें भक्तों का चरित्र विस्तार से दिया गया है । कुछ वर्षों पूर्व राजस्थान के सुप्रसिद्ध उत्साही साहित्यान्वेषक श्री अगरचन्दजी नाहटा ने 'राघवदास कृत भक्तमाल चतुरदास कृत टीका सहित' की एक प्रति की प्रतिलिपि हमें दिखाकर इस कृति को प्रतिष्ठान की ओर से प्रकाशित करने का प्रस्ताव किया जो हमने स्वीकार कर लिया और प्राचीन प्रतियों के आधार पर इसका विधिवत् सम्पादन करने के लिये श्री नाहटाजी से अनुरोध किया । Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003832
Book TitleBhaktmal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaghavdas, Chaturdas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1965
Total Pages364
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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