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________________ अनुक्रमणिका [ ११ ] मूल ५० टीका प० १४८ १४६ १७०-१७१ १५०-१५३ १७२-१७३ १५४ १५५-१५६ अनन्तानंद के शिष्य कर्मचद, जोगानंद, पयहारी, स्योरी रामदास, अल्ह, श्रीरंग, गयेस। अल्हजी की कथा अल्हजो की टीका श्रीरंगजी की कथा पयहारी कृष्णदास पयहारी कृष्णदास की टीका पयहारी के शिष्य वर्णन अन, कोल्ह, चरण, नरायण, पदमनाम, केवल, गोपाल, सूरज, पुरुषा, पृथु, तिपुर, टोला, हेम, कल्याण, देवा, गंगा, समगंगा, विष्णदास, चांदन, सवीरा, कान्हा, रंगा। कोल्हकरण जी की कथा कोल्हकरणजी की टोका अग्रदासजी का वर्णन कोल्हकरण के शिष्य दमोदरदास, चतुरदास, लाखा, छीतर, देवकरन, देवासु, खेम, राइमल । अग्रदास के शिष्य नाभा, जगी, प्राग, विनोदि, पूरण, वनवारी, भगवान, दिवाकर, नरसिंह, खेम, किसोर, ऊधो, जगन्नाथ । नाभाजी का वर्णन दिवाकर का वर्णन प्रियागदासजी का वर्णन द्वारकादास का वर्णन पूरण वैराठी का वर्णन लक्ष्मन भट्ट का वर्णन खेम गसाईं का वर्णन तुलसीदास का वर्णन १७४-१७५ १७६ १५७ १६० १६१-१६३ gg १६५ १६६-१६७ १६८ १६६ १७०-१७१ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003832
Book TitleBhaktmal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaghavdas, Chaturdas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1965
Total Pages364
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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