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________________ २७९ ] भक्तमाल; परिशिष्ट २ तेजानन्द हरिदास कृष्ण गोविन्द झावरि वालौ। इनह कह्यौ जगा राम संभालो । डूंगो भगवान माधौ सन्तदास। इनहू कह्यौ करो हरि की प्रास ॥४२ वनमाली देवेन्द्र ब्रह्मा अरु मोनी। इनहू कह्यौ भजो हरि क्यों नी ? गंगदास चरणदास साधू अर मोहन । इनहू कह्यौ राम भजि सोहन ॥४३ हरिदास कपिल नारायण टीकू माली । इनहू कह्यौ जगाराम संभाली । वधू चेतन नरहरि माधो कारणी। इनहू कह्यौ भजो एक विनाणी ॥४४ वाजिन्द परमानन्द निजाम नागर । इनहू कह्यौ भजो हरि उजागर ।। परसरांम चतरो गोविन्द जंगी। इनहू कहयौ राम है संगी॥४५ गजनीसा सांवल महमूद वोहिथ। इनहू कह्यौ राम रमि सोहिथ ।। पूरण चतरो लालदास नागौ। केवल केसो झांझ हरि मांगौ ॥४६ वीठल जसो अरु जगनाथ। इनहू कह्यौ रहु हरि के साथ ॥ केसो चतरो निरंजनी सन्तो तोलो सरवंगी। इनहू कयौ राम रंग रंगी ।।४७ ऊधो रामदास चूहड़ वनमाली। इनहू कहयौ जगा राम संभाली ॥ चैन नारायण ठाकुर पांचो। इनहू कहयौ भज साहब सांचौ ॥४८ नारायण दांतरिगयो जगनाथ गोपाल ऊधो । इनहू कहयौ राम भजि सूधो।। गरीबजन रामदास शारंगदास। इनहू कयौ हरि हिरदै वास ॥४६ नारायण गोविन्द दिढ दास मुरारी। इनहू कयौ हरि भगति सारो ॥ दखणो मोहन उतराधा हरिदास टीको पाल्हा। इनहू कहयौ राम भजि वाल्हा ।।५० ईसर केशो साहूकार वैरागी श्यामा जगा। इनह कहयौ राम है सगा। श्यामदास पूरवियो सांगा गांगा। इनहू कयौ लै राम मैं प्रांगा ॥५१ :: सांगो पहराज स्यांमदास कलौ। इनहू कह्यो राम भज भलो ॥ सुन्दरदास गोपाल भगवान देवो गुजराती साध । इनहु कह्यौ भज हरि अगाध ॥५२ चरणदास माधो पंचायण पूरा। इनहू कह्यौ राम भज सूरा ॥ रामदास दामोदर नारायण नरसिंह षेमदास । इनहू कह्यौ होहु हरि के वास ॥५३ ध्यानदास बालो लालो हरिदास जंत्री। इनहू कह्यौ राम भज मंत्री ।। जगदीश सन्तदास माधो बोहिथ माली। इनहू कह्यौ राम करे रखवाली ॥५४ चरणदास हेमो शंकरदयाल वन। इनहू कह्यौ होहु हरि को जन ।। माखू माधो केसोलाल। इनहू कह्यौ भज हरि हर हाल ।।५५ चरणदास गुजराती वीरम केसो हापा । इनहू कह्यौ राम भज वापा ॥ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003832
Book TitleBhaktmal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRaghavdas, Chaturdas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1965
Total Pages364
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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