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अागामी प्राकर्षण श्रीमद् देवचन्द्र जी महाराज को प्रथम कृति -: ध्यान दीपिका चतुष्पदी :
जिसमें ध्यान जैसे गूढ़, गहन एवं गंभीर विषय का सरल विवेचन है। इसमें छः खंड, अट्ठावन ढालें, बारह भावनाएँ, पंच महाव्रत, धर्म ध्यान शुक्ल ध्यान, पिंडस्थ, रूपस्थ एवं रूपातीत ध्यान के गूढ़ तत्वों का सुन्दर निरूपण किया गया है। यह अपने विषय की राजस्थानी पद्यों में सरल व सुगम अद्वितीय कृति है।
इसे शीघ्र ही प्रकाशित किया जा रहा है।
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