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( १२३ ) . १६ किसी समय यदि वर्षा का जल मन्दिर जीके किसी भागमें रहा हो तो दूसरे दिन प्रातः काल हो उस जलको लेकर बाहर वर्षा ही के जलमें गिराकर मिला देना चाहिए। ___ १७ किसी दर्शन करनेवाले अथवा पूजा करनेवाले श्रावक अथवा पूजारी की तरफ से बताये हुए किसी भी काम को अपने हाथके कार्य को पूरा करके अथवा अपने हाथ का कार्य बीचमें छोड़ दिया जाय तो कोई बिगाड़ नहीं होगा ऐसी हालत में अथवा अपने हाथके कार्य का दूसरा कोई उचित प्रबन्ध करके, बादमें उनसे बताये गये कार्य को कर देना चाहिये। हाथके कार्य को बिगड़ता हुआ कभी नहीं छोड़ना चाहिए, और साथ ही बताये गये कार्य के प्रति लापरवाही भी नहीं करनी चाहिए। बताया गया कार्य यदि जल्दी का हो तो चालू कार्य नहीं बिगड़े ऐसी हालत में छोड़कर कर देना चाहिए।
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