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महेश्वरसूरि - सं० १५७५ आषाढ़ कृ० ७ रवि ( प्र० ले० सं०
विनय - ले० ९५६ )
--सं० १५८३ फा० कृ० १ शुक्र (, ले० ९७३)
--सं० १५९३ प्राषाढ़ शु० ३ रवि (नाहटा संग्रह )
यशोदेवसूरि राज्ये - सं० १६३७ भा० कृ० ३ (१० समु०पू० २०६ )
-- सं०
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१६७८ द्वि० प्रा० शु० २ रवि (,, पृ० २०६ )
- सं० १६८१ चै० कृ० ३ सोम (, पृ० २०६) यथाप्राप्त साधन सामग्री पल्लीवालगच्छीय प्राचार्य मुनि द्वारा प्रतिष्ठित लेखों की संक्षिप्त सूची ऊपर दी गई है ।
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