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________________ १२५ कपूरी बाई विद्यमान हैं। श्री बद्रीप्रसादजी श्री प्रकाशचंदजी और श्री शिखरचन्द जी नामक ३ लघुभ्राता तथा ७ बहिने हैं । निवास स्थान- प्रापकी जन्म भूमि श्रागरा है पहले इनके पितामह आगरा जिले के सिदरवन ग्राम में रहते थे फिर वहां से आगरे आकर व्यापार किया । शिक्षा - आपने प्रथम प्रागरे की पल्लीवाल पाठशाला धूलिया गंज में शिक्षा पाई तदनन्तर शिक्षा अध्ययन के हेतु भरतपुर में अपने बहनोई श्री नंदनलाल जी पुत्र श्री मिटूनलालजी कोठारी के यहाँ रहकर हाई स्कूल की परीक्षा दी और प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। आगे राज्य सेवा में रहते हुए M. A. और L. T. पास किया । राज्य सेवा - हाई स्कूल परीक्षा पूर्ण होते ही प्राप २७-३ - १९३६ से अध्यापक हुए | बड़ी योग्यता से अध्यापन करते हुए वर्तमान में आप प्रधान अध्यापक राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बसेडी (धौलपुर) जिला भरतपुर में पदासीन हैं। अन्य विवरण - आप भिन्न-भिन्न संख्यात्रों के सदस्य व पदाधिकारी रहकर सामाजिक सेवा भी करते रहते हैं ! Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003825
Book TitlePallival Jain Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherNandlal Jain Pallival Bharatpur
Publication Year1963
Total Pages216
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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