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पल्लीवाल ज्ञातीय दीवान जोधराज
एवं प्रसिद्ध तीर्थ महावीर जी चौधरी जोधराज जी भरतपुर-राज्य के दीवान थे। इनका नाम पल्लीवाल ज्ञातीय में ही नहीं, श्री महावीर तीर्थ क्षेत्र के निर्माता होने के कारण समस्त जैन समाज में आदर के साथ स्मरण किया जाता है । इनके सम्बन्ध में मात्र इतना ही परिचय मिलता है कि इनकी बनाई हुई तीन प्रतिमायें जो वि० सं० १८२६ माघ कृ० ७ गुरुवार की प्रतिष्ठित हैं और जिनकी प्रतिष्ठा श्वेताम्बराचार्य महानन्दसूरि ने की हैं, प्राप्त होती हैं। एक मथुरा के अद्भुत-संग्रहालय में, दूसरी भरतपुर के जती मोहल्ले के पल्लीवाल जैन श्वे. मन्दिर में मूलनायक के स्थान पर और तीसरी श्री महावीर जी क्षेत्र में । श्री महावीर क्षेत्र के निर्माण ।
और उससे दीवान जोधराज के सम्बन्ध के विषय में गोरखपुर से प्रकाशित प्रसिद्ध पत्र 'कल्याण' वर्ष ३१ संख्या १ तीर्थाङ्क में पं० श्री कैलाशचन्द्र शास्त्री ने लिखा है कि 'एक दिन भरतपुर-राज्य के दीवान पल्लीवाल ज्ञातीय जोधराज जी किसी राजकीय मामले में पकड़े जाकर उधर से निकले । उन्होंने चान्दन गांव में भूमि से निकाली हुई अत्यन्त सुन्दर एवं प्रभावक श्री महावीर प्रतिमा
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