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________________ पल्लीवाल ज्ञातीय सेठ हरसुखराम इनके पूर्वजों में रुदावल में पल्लीवाल ज्ञातीय श्रे० महासिंह रहते थे । उनके पुत्र मौजोराम और खूबराम थे। मौजोराम के पुत्र हरसुखराम मोड़िया रुदावल जिला ब्याना से फतेहपुर ( जि० सवाई माधोपुर ) श्राकर बसे थे। करौली नरेश हरबक्सपाल एक बार फतेहपुर गये । करौली में उन दिनों कोई श्रीमन्त साहूकार नहीं रहता था । राज्य को जब कभी द्रव्य की आवश्यकता पड़ती तो इधर-उधर कहीं दूर से द्रव्य का प्रबन्ध बड़े कष्ट से करना पड़ता था । करौली नरेश श्रेष्ठ हरसुखराम को करौलों में निवास करने के लिये कहा और कई कर क्षमा कर देने तथा राज्य की ओर से सम्मान देने का आश्वासन दिया । श्रेष्ठि मौजीराम के पुत्र हरसुखराम इस वंश के प्रथम पुरुष थे जो करौली में लगभग १५० वर्ष पूर्व श्राकर बसे थे । करौली राज्य का कष्टम, तोशाखाना, जमादार खाना एवं खजाना श्रेष्ठ हरसुखराम के प्राधीन था । श्रावश्यकता के समय राज्य को द्रव्य सहायता करने के उपलक्ष में ये सम्मान मिला तब से राज्य - विलयकाल तक इस कुल को न्यूनाधिक अंशों में अनवरत बने रहें । हरसुखराम के छोटे काका खूबराम थे । Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003825
Book TitlePallival Jain Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherNandlal Jain Pallival Bharatpur
Publication Year1963
Total Pages216
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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