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________________ (. ११० ) नदी पर लाखेरी के स्टेशन से ठीक दस मील दक्षिण की ओर है) जैत्रसिंह ने मालवे के अनेक सैनिकों को पकड़ा। सम्भव है कि मालवा वालों ने जैत्रसिंह के अनेक छोटे-मोटे आक्रमणों के उत्तर में कुछ सेना भेजी हो, या उस घाटी द्वारा रणथम्भोर के राज्य पर आक्रमण करने का प्रयत्न किया हो। उस समय जयसिंह तृतीय धारा का शासक था ; किन्तु सम्भव है कि मण्डप को हो इसने अपना मुख्य आवास स्थान बनाया हो। डा०डी०सी० सरकार के मतानुसार इसका दूसरा नाम जयवर्मा भी था' । इसका एक दान पत्र वि० सं० १३१७, ज्ये० सुदी ११ का मंडपदुर्ग ( मांडू ) से दिया हुआ मिला है (एपिग्राफिया इण्डिका, ९, १२०-३) , ___ सन् १२५९ में दिल्ली के सुल्तान नासिरुद्दीन ने रणथम्भोर को हस्तगत करने का प्रयत्न किया। किन्तु उसके सिर पर भी असफलता का ही सेहरा बंधार । जैत्रसिंह के तीन पुत्र थे, सुरतान, वीरम और हम्मीर। सुरतान इनमें ज्येष्ठ था, किन्तु हम्मीर सबसे योग्य । अतः जैत्रसिंह ने अपने जीवनकाल में ही वि० सं० १३३९ ( सन् १२८३ ) माघ शु० पूर्णिमा, रविवार के दिन हम्मीर का राज्याभिषेक किया। इसके बाद भी जैत्रसिंह सम्भवतः तीन वर्ष और जीवित रहा। हम्मीर के राज्य के आरम्भिक काल में राजनैतिक स्थिति बहुत कुछ उसके अनुकूल थी। सन् १२८६ में बल्बन की मृत्यु के बाद लगभग चार १. परमारवंश दर्पण, पृ. ९ टिप्पण १४ २. अर्ली चौहान डिनेस्टीज, पृ० १०५-१०६ ३. हम्मीर महाकाव्य ७, ५३-५६ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003823
Book TitleHammirayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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