________________
कृति नाम
२३- पार्श्वनाथ स्त
२४ - महावीर स्त०
२५ – कलश
विहरमान बीसी
सीमंधर जिन स्त
युगमंधर स्त
बाहु जिन स्त
सुबाहु जिन स्त
सुजात जिन स्त
स्वयंप्रभ जिन स्त
ऋषभानन स्त०
अनंतवीर्य स्त
सूरप्रभ जिन स्त
विशाल जिन स्त
वज्रधर स्त०
चन्द्रानन स्त०
चन्द्रबाहु स्त
भुजंग जिन स्त
ईश्वर जिन स्त
नेमिप्रभ स्त
वीरसेन स्त
. महाभद्र स्त०
देवयशास्त अजितवीर्य स्त
कलश
Jain Educationa International
[ ४८ ] आदि पद
पृष्ठाङ्क
गा० ७ जिनवर जलधर उलट्यौ सखि २५ गा० ७ मनमोहन महावीर रे २७ गा० ७ इणिपरि मंइ चौवीसी कीधी २८
गा० ५ श्री सीमन्धर सुन्दर साहिबा गा० ५ बीजा जिनवर वंदियइ
गा० ५ बाहुजिनेश्वर वीनवुं रे
गा० ५ श्रीसुबाहु जिनवर नमियइ
गा० ५ श्रीसुजात जिन पांचमांजी गा० ५ श्री स्वयंप्रभ अतिशय रत्ननिधान
गा० ५ ऋषभानन जिनवर वंदी
गा० ५ अनन्तवीय जिन आठमो रे तें पामी
गा० ५ सूरप्रभु प्रभुता गा० ५ श्री सुविशाल जिणंद
गा० ५ रंगरंगीला हो लाल वज्रधर
गा० ५ चंद्रानन जिन चंदन शीतल
गा० ५ चन्द्रबाहु जिनराज उमाह धरि
गा० ६ भुजंगदेव भावइ नमुं
३०
३१
३२
३३.
३४
३५
For Personal and Private Use Only
३५
३६.
३७
३८.
३६.
४०
४१
४२.
गा० ५ ईश्वरजिन नमियइ
गा० ५ हर्ष हींडोलणइ झूलइ
गा० ५ जयउ वीरसेनाभिधो जिनवरो
४५.
४७
गा० ५ साहिब सुणियइ हो सेवक वीनतीजी ४६ गा० ५ तुम्हे तो दूर जइवस्या रे हां गा० ५ अजितवीरज जिन वीसमाजी गा० ५ संप्रति वीस जिनेसर वंदउ
४८
४६
४३.
૪૪
www.jainelibrary.org