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[ २२७ ] मांडी-विगतवार
मुंहड़इ=मुख से माणुंभोगू
मूओ-मर गया माणे-भोगे
मूकाय=छोडा जाना माण=पान
मूकइ छोड़ता है माणसां मनुष्यों को
मूझाणी-उलझन माण-मान
मूझि-मुग्ध होकर मातो मत्त
मूलिका=उखाड़ने वाली मानीता-मान्य
मेटि-मिटाओं माम=अहंकार
मेनिक-मछ वा माम सम्मान
मेलिस्यइ-लगावेगा मारकी हिंसक
मेलं छोडूं माल्हुँ मौज करू
मेल्हि छोडो मावै समावै, अटै
मेहडा मेघ मावीत्र-माता-पिता
मोटिम महत्ता मावीत माता-पिता
मौड-मुकुट माहोमा हि =परस्पर
मोनइ-मुझे माहरा-मेरे
मोरा-मेरा मिसि-बहाने
मोरियउ मुकुलित हुआ मिशबहाना
मोसा-ताना मीचिया=मुंद लिये, बन्द कर लिये मोहणी मोहिनी मीट दृष्टी
मोहनगारउ=मोहित करनेवाला मीता मित्र
य मीनति-बीनती, प्रार्थना यानी (जानी) बाराती मुद्गशेलिकमगसिलिया पाषाण युगतइ-युक्ति पूर्वक __ (हरे रङ्ग का एक रूखा पत्थर) मूध-मुग्ध, मूढ़
रंगरेल हर्ष मुलक=मुस्कराहट
रङ्गाणी-रङ्गी हुई
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