SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 91
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ परम कृपालु गुरुराज पधरावी, मन मन्दिर मां खास रे... भ० ३ परमगुरु सहजात्म स्वरूप - मंत्र बांधे मन श्वास रे... भ० जीव सरोवर छलक्यु' मलक्युं मुख, सहजानंद विलास रे..भ०४ (४८) राज महिमा पद . [ प्रभु आज चरणों में आये तुम्हारे ए ढब ] प्रभु राजचंद्र कृपालु ! हमारे... मैं हूं शरणागत नाथ! तुम्हारे प्रभु० १ . मेरे चिदाकाश के अजब सितारे, मेरे मनोरथ के सारथी भारे... प्रभु० २ तू खेवैया मेरी नैया निकट किनारे, मेरे दुख द्वन्द्व ही कट गये सारे...प्रभु० ३ तू ही मेरे सर्वस्व हृदय दुल्हारे, तेरी कृपा सहजानंद निहारे• • • प्रभु० ४ (४९) प्रेरणा पद ६२ १-११-६४ अवसर आव्यो हाथ अणमोल... (२) झटपट करीले आत्म शुद्धि तुं, सद्गुरु शरणं खोल अव० १ लोक लाज तु शुकरे मूरख ! कां करे टालमटोल ... अव० २ तर्कवितर्क ने निजजन जड़ धन, देह भान सौ छोड़ ... अव० ३ परमकृपालु शरणे था तु भक्तिरसे तरबोल अव० ४ " · परमगुरु सहजात्मस्वरूप तु, रट रट मंत्र अमोल ... अव० ५ आत्मसिद्धि नो मार्ग खरोए, सहजानंद रंगरोल... अव०६ Jain Educationa International २१-११-६४ For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003818
Book TitleSahajanand Sudha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandana Karani, Bhanvarlal Nahta
PublisherShrimad Rajchandra Ashram
Publication Year
Total Pages276
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy