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सहजानन्द सुधा
भाग-१ सहजानन्द पदावली चैत्य-चन्दन-चौघीसी
सं० २००४ चैत्री विक्रम
मोकलसर गुफा ऋषभ चै०१
सिद्ध-ऋद्ध प्रगटाववा, प्रणमुं आदि-जिणंद ; अशुद्ध योगो त्रय तजी, प्रशस्त-राग अमंद...१ केवल अद्यातम थकी, तप जप किरिया सर्व ; भवोपाधि भूम नवि टले, वधे शुष्कता गर्व...२ कारण-कर्तारोप थी, पराभक्ति प्रगटाय ;
दोष टले दृष्टि खुले, सहजानंदघन थाय...३ भजित चै०२
अमित शत्रु-गण जीतवा, अजितनाथ प्रतीत ; विलोकुं तुझ पथ प्रश्नो! यूथ-भूष्ट मृग-रीत...१
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