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११० चेतावनी पद
कहेशे अन्ते रोई रे १२५ १११ चेतावनी
जाग जाग रे प्रमादि १२७ ११२ आत्म परिचय ५ नाम सहजानन्द मेरो १२७ ११३ उपदेश पद ५ आ पंच विषय विक्षेप १२७ ११४ आत्मा-पद ४ ए थाय न कदी बिमार १२८ ११५ अपने को भजो भज मन सहजानन्द स्व-शक्ति १२६ ११६ सद्गुरु सत्संग साधक कर सद्गुरु सत्संग १२६ ११७ शरीर पद ४ आ वात पित्त कफ मल १२६ ११८ संसार मार्ग पद अम थयु पतन थयु तारुं पतन १३० ११६ उपशम श्रेणिए विघ्न ५ मारग मां लूटे पांच जणी १३१ १२० मोक्ष-मार्ग पद भव्य करो जतन, भव्य करो जतन . १३१ १२१ कषायाधीनता पद अरे ! चारे कषाई अज तफड़ावे १३२ १२२ कषाय विजय पद ५ अहो ! अज कषाई चारे पटके १३२ १२३ ज्ञान चेतना मस्ती भयो मेरो मनुआँ बेपरवाह १३३ १२४ निजानुभूति वो जय जयकार ओ दीन बंधु १३४ १२५ निज दोष बंधन
जे जे इच्छेनु पूर्व १३४ १२६ ब्रह्मचारीजी के प्रश्नों के उत्तर एककाय बे रूप थई १३५
माल बोकड़ो खाय ने १२७ प्रेरणा व भावना ४ ज्यों बंध स्पश न जल कमल में १३६
शुद्धता विचारे घ्यावे, नट नर्सवत् , प्रिय सत्संगी
दर्शन ज्ञान रमण इकतान, आपज दुखी आपथी १३७ १२८ आर्या छन्द
१ भीषण नरक गति मां १३७
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