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________________ बरतर-गच्छ दीक्षा नन्दी सूची । विभूषित कर उनका नाम बदलकर जिनरत्नाचार्य रखा एवं निम्नलिखित साधओं को दीक्षा प्रदान की : १ त्रिलोकहित, २ जीवहित, ३ धर्माकर, ४ हर्षदत्त, ५ संघप्रमोद ६ विवेकसमुद्र, ७ देवगुरुभक्त, ८ चारित्रगिरि, ९ सर्वज्ञभक्त; १० त्रिलोकानंद। सं० १३०६ माघ शुक्ल १२ को पालनपुर में श्री जिनेश्वररि जी महाराज ने समाधिशेखर, गुणशेखर, देवशेखर, साधुभक्त, वीरवल्लभ मुनि तथा मुक्तिसुन्दरी साध्वी को दीक्षित किया। उसी वर्ष माघ सुदि १० को नगरकोट आदि अनेक स्थानों में प्रतिष्ठापनार्थ अनेक प्रतिमाओं की अंजनशलाका-प्रतिष्ठादि सम्पन्न हुईं। सं० १३१० वैशाख सुदि ११ को जाबालिपुर (जालोर) में चारित्रवल्लभ, हेमपर्वत, अचलचित्त, लाभनिधि, मोदमन्दिर, गजकीति, रत्नाकर, गतमोह, देवप्रमोद, वीरानन्द, विगतदोष, राजललित, बहुचरित्र, विमलप्रज्ञ और रत्ननिधि-इन पन्द्रह साधुओं को प्रव्रज्या धारण कराई। इन पन्द्रह में चारित्रवल्लभ और विमलप्रज्ञ पिता-पुत्र थे। इसी वर्ष वैशाख सदि त्रयोदशी शनिवार स्वाति नक्षत्र में श्री महावीर स्वामी के विधिचैत्य में राजा उदयसिंह जी आदि अनेक राजाओं की उपस्थिति में राजमान्य महामंत्री श्री जैत्रसिंह जी के तत्वावधान में अनेक धनी-मानी सज्जनों द्वारा विपुल द्रव्य व्यय कर प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई थी, जिसके लिए खरतर गच्छ का इतिहास द्रष्टव्य है। इस अवसर पर प्रमोदश्री गणिनी को महत्तरा पद देकर लक्ष्मोनिधि नाम दिया गया और ज्ञानमाला गणिनी को प्रत्तिनी पद दिया गया। सं० १३११ वैशाख सुदि ६ को पालनपुर में प्रतिष्ठा महोत्सव के पश्चात खरतर गच्छ को नौका के कर्णधार संस्कृत के प्रौढ विदान श्रीजिनपालोपाध्याय जी समाधिपूर्वक स्वर्ग सिधार गये। सं० १३१२ वैशाख सुदि पूर्णिमा के दिन चन्द्रकीति गणि को उपाध्याय पद प्रदान किया, उनका चन्द्रतिलकोपाध्याय नया नामकरण किया। इसी अवसर पर प्रबोधचन्द्र गणि और लक्ष्मीतिलक गणि को वाचनाचार्य पद से सम्मानित किया गया। इसके बाद ज्येष्ठ बदि को उपशमचित्त, पवित्रचित्त, आचारनिधि और त्रिलोकनिधि को दीक्षा दी। Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003814
Book TitleKhartar Gaccha Diksha Nandi Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta, Vinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1990
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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