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________________ १६८ खरतरगच्छ दीक्षा नन्दी सूची वा० हर्षकुशल गणि शिष्य पुरुसोत्तम तन्नाम पुण्यविमल पं० हर्षचंद्र शिष्य उदोसिंध तन्नाम विमल । पं० रत्नधीर तत्शिष्य कुबेरचंद तन्नाम कीर्तिविमल । संवत् १८१७ वर्षे वैसाख सुदि ३ दिने श्रीपूज्यजी श्रीजिन श्रक्षयसूरिजी बृहद्दीक्षा रजपुरा मध्ये श्रपिता । श्रीपूज्य जी शिष्य सांवत वृहद्दीक्षा तन्नाम सर्वकुमार । उ० महिमतिलक' जी शिष्य चेता तन्नाम चित्रकुमार, द्वितीय शिष्य लच्छो तन्नाम लब्धिकुमार ॥ १. संवत् १८१७ वर्षे माघ शुक्ल दशम्यां शनो हरिदुर्ग मध्ये पं० सुगुणतिलक शिष्य अमृतधीर तत् शिष्य सीहमल्ल तन्नाम सुमतिकुमार, द्वितीय सदानंद तन्नाम सम्पत्ति' (कुमार) । पं० प्रेमधीर शिष्य सगता तन्नाम सिद्धिकुमार । पं० प्रेमघोर शिष्य जयकुमार तत् हरिचंद्र तन्नाम हर्षकुमार । पं. अमृतधीर शिष्य सुमतिकुमार तच्छिष्य संतीदास तन्नाम संतकुमार | संवत् १८१८ वर्षे वैशाख सुदि तृतीया दिने । पं० प्रीतिसमुद्र शिष्य प्रभुकुमार तच्छिप्य पद्मा तन्नाम वृहद्दीक्षा पद्मकुमार || - Jain Educationa International चिदानन्दजी के पूर्वज थे, चित्रकुमार और लब्धिकुमार दोनों गुरु भाई थे, एक नहीं । For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003814
Book TitleKhartar Gaccha Diksha Nandi Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Nahta, Vinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1990
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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