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| বিলাসুমী ছায়া
कतिपय दीक्षा नन्दी सूची के उल्लेख - जंगम युगप्रधान सकल भट्टारक शिरोमणि श्री जिनदत्तसूरि श्रीजिनकुश नसरि चरण कमलेभ्यो नमः ।।
संवत् १७८६ वर्षे शाके १५६४ प्रवर्त्तमाने मासोत्तम मार्गशिर मास शुक्ल पक्षे दशम्यां १० तिथौ गुरुवासरे उत्तरा भाद्रपद नाम नक्षत्र सिद्धियोगे भ० श्री जिनविमलसूरिभिः प्रथम नन्दी विमल इति स्थापिता शुभभूयात् श्रीरस्तु॥
॥ वा० अक्षयकल्याण शिष्य पं० कीर्तिसागर तच्छिष्य देवेन्द्र तच्छिय पं० तुलाराम बृहदीक्षा नाम तत्त्वविमल इति । द्वितीय शिष्य पं० जीवन तन्नाम जयविमल उ० श्री भुवननन्दन गणिपं० अभयकीत्ति तच्छिष्य पं० पद्मतिलक तच्छिष्य रामजी तन्नाम रत्नविमल इति ।
उ० श्री पुण्यचन्द्र गणि सत्क शिष्य देवदत्त तन्नाम देवविमल इति प्रतिष्ठित एते दत्ता नाम दयाविमल ।
पं० भुवनचन्द्र तच्छिष्य भवानी तन्नाम भानुविमलः, द्वितीय शिष्य रूपचन्द तन्नाम रूपविमलः ।
पं० नयकुशल शिष्य पं. दयाराम तच्छिष्य गरीबदास तन्नाम गुणविमलः ।
वा० महिमतिलक शिष्य सन्तोषी तन्नाम सत्त्वविमल इति ।
वा० जयनन्दन शिष्य लब्धिसागर तत्शिष्य अ........समुद्र ततशिष्य लीलापति......... ललितविमलेति प्रतिष्ठितम् ।।
वा० भुवनचन्द्र तच्छिष्य प्रेमचन्द वृहद्दीक्षा नाम प्रेमविमल, द्वितीय शिष्य पूर्णमल तन्नाम पर्णविमल......
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