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महोपाध्याय समयमुन्दर
चौपाई५०, स्थूलिभद्र रास५१, क्षुल्लक कुमार रास५२, चम्पक श्रेष्ठि चौपाई५३, गौतम पृच्छा चौपाई५४, व्यवहार शुद्धि धनदत्त चौपाई५५, साधु-वन्दना, पुजा ऋषि रास५६,
केशी प्रदेशी प्रबन्ध५७, द्रौपदी चौपाई५८ । ५० "संवत सोल एकारणू वरसे, काती वदी तृज हरणे बे. १६
श्री खम्भायत खार वाडइ, चउमास रया सुदिहाडइ बे. २०" ५१ "इन्दु रस संख्याइं एह संवच्छरमान,
आदिनाथ थी नेमिजिन तेतमउ वरस प्रधान । ऋतु हेमंत थूलिभद्र दीक्षामास सुचंग,
पंचमी बुधवारइं रचीउ रास सुरङ्ग ॥" ५२ "संवत् १६६४ जालौर" ५३ "संवत सोल पंचाणुयइ मई, जालोर मई जोड़ी रे।
चंपक सेठनि चउपइ अङ्गि, बालस नइ उघ छोड़ी रे,के-१५ "पाल्हणपुर थी पांचे कोसे, उत्तरदिशि चान्द्रेठ गामो रे। तिहाँ खरतर श्रावक वसइ, साह नींबउ जसवंत नामोरे। पु०५ तेह नइ आग्रह तिहाँ रह्या, दिन पनरहसीम त्रिठाणुरे तिहाँ कीधी ए चउपई, संवत सोल पंचाणु रे । पु०६॥" "संवत सोल छर्नु समइ ए, आसू मास मझारि। अमदावादह ए कहइ ए, धनदत्त नउ अधिकार ।" "संवत सोल अठाणुबइ, भाषण पंचमी अजुवाल इरे। रास भण्यो रलियामणो, श्री समयसुन्दर गुण गाइ ॥३०॥" "सं० १६६६ वर्षे चैत्र सुदि २ दिने कृतो लिखितश्च श्री अहमदावादनगरे श्रीहाजापटेलपोलमध्यवर्ती श्रीबृहत्खरतरो. पाश्रये भट्टारक-श्रीजिनसागरसूरि-विजयिराज्ये श्रीसमयसुन्दरोपाध्यागः, पं० हर्षकुशलगणि सहाय्यैः।"
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