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( ६०० ) समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि पोसउ ओसउ कर्मनउ हो, टालइ दुरगति दुख । असुभ करम नउ खय करइ हो, आपइ सासतां सुख ।३शसं.। उतक्रष्टी पोसा तणी हो, ए विधि कही उपगार । जेसलमेरी संघ नई हो, आग्रह करि सुविचार ।३६सं. सोलइ सइ सत सठि समइ हो, नगर मरोट मझार । मगसिर सुदी दसमी दिनइ हो, सुभ दिन सुर गुरुवार ।३७।सं.। श्री जिणचंद सूरीसरू हो, श्री जिनसिंघ सूरीस । सकलचंद सुपसाउलइ हो, समयसुन्दर भणइ सीस ।३८|सं.।
इति पौषध विधि गीतं सपूर्ण श्री शुभं भवतु । जेसलमेरु संघमभ्यर्थन्या कृतं च
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