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________________ ( २०६ ) समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि नयन कृतारथ आज थया मुझ, मूरति देखतां प्राय जी। जीभ पवित्र थई वली माहरी, थुणतां श्री जिनराय जी ।ध.१०॥ आज श्रवण सफल थया माहरा, सुगतां जिन गुण ग्राम जी। मन निर्मल थयउ ध्यान घरंता, अरिहंत नउ अभिराम जीध.११॥ श्री अरिहंत कृपा करउ सामी,. मांगू बेकर जोड़ि जी। आवागमन निवार अतुल बल, भवः संकट थी छोडिजी ।ध.१२॥ शासनाधीश्वर तूं मुझ साहिब, चउवीसमऊ जिणचंद जी। इकवीस सहस करस सीम वरते, तीरथ तुम आणंद जीध.१३॥ ॥ क ल श ॥ इस नगर श्री साचोर मंडण, सिंह लंछण सुख करउ । सकलाप सूरति सकल मूरति, मात त्रिशला उरधरउ । संवत सोलह सही सत्योतरइ, मास माह मनोहरउ । वीनबउ पाठक समय सुंदर, प्रकट तूं परमेसरउ ॥१४॥ श्री भोडया ग्राम मण्डन वीरजिन गौतम राग-नट्ट नारायण महावीर मेरुउ ठाकुर । म०। भोड्या ग्रामः भली परइ भेट्यउ, तेज प्रताप प्रभाकर शम सुन्दर रूपा मनोहर मूरति, निरखित हरखित नागर । सिद्धास्थ राय मात त्रिशला सुत,सिंह लांछन सुख सागर ।२। म० Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003810
Book TitleSamaysundar Kruti Kusumanjali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year1957
Total Pages802
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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