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समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि
समयसुन्दर अंतरयामी रे,
प्रभु नामइ नव निधि पामी रे। सु० ॥
श्री शान्ति जिन गीतम प्रांगण कल्प फल्यो री हमारे माई,
आंगण कल्प फल्यो री। ऋद्धि सिद्धि वृद्धि सुख संपति दायक,
श्री शांतिनाथ मिल्यो री ॥०॥१॥ केशर चंदन मृगमद मेली,
मांहि बरास मिल्यो री ।ह। पूंजत शांतिनाथ की प्रतिमा,
अलग उद्वग टल्यो री ।। ह॥२॥ शरणे राख कृपा करि साहित्र,
ज्यू पारेवो पल्यो री । ह० ॥ समयसुन्दर कहइ तुम्हरी कृपा ते,
हिव रहिस्यू सोहिलो री ॥ह०॥३॥
श्री गिरनार तीरथ भास
श्री नेमीसर गुण निलउ, त्रिभुवन तिलउ रे। चरण विहार पवित्त, जय जय गिरनार गिरे॥१॥
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