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समयसुन्दरकृतिकुसुमाञ्जलि
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तेज करइ भित्र झिब, फटिक रतन बिंब,
मांड्यौ है......"दिगम्बर धाम में । समयसुन्दर इम, तीरथ कहइ उतम,
__ चंद्रप्रभ भेट्यो हम, चंदवारि गाम में ॥८॥ काकंदी पुरी कहाय, राजा श्री सुग्रीव राय,
रमणीक रामा माय, उरे अवतार जू । मकर लंछन पाय, एकसौ धनुष कहाय,
प्रभु को दीक्षा पर्याय, वरस हजार जू ।। निरमम निरमाय, कर्म आठ खपाय,
बि पूर्व लाख आयु, पाम्यौ भव पारजू । समयसुन्दर ध्याय, साचो इक तु सखाय,
सुविधि जिणंदराय, मुगति दातार जू ॥॥ नगर भदिलपुर, दृढरथ नरवर,
नंदा कूखि सरवर, लीला राजहंस जू । श्रीवच्छ लांछनधर, धन राशि मनोहर,
त्रणसै नइ साठि कर, तनु परसंसू जू ॥ एक असी गणधर, इक लाख मुनिवर,
. मुगति समेतगिर, इक्ष्वाकु है वंस जू । प्रणमै समयसुन्दर, दसमौ ए तीर्थंकर,
___श्री शीतल सुरतर, कुल अवतंस जू ॥१०॥ कोउ ब्रह्मा भजौ कोई कृष्ण भजी,
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